October 18, 2025

डीजी सूचना बंशीधर तिवारी का बड़ा कदम — “डिजिटल ब्लैकमेलिंग” के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर    

0

 

डीजी सूचना बंशीधर तिवारी का बड़ा कदम — “डिजिटल ब्लैकमेलिंग” के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

 

देहरादून, राज्य के सूचना महानिदेशक (DG Information) ने अब सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ चल रहे भ्रामक और अनर्गल प्रचार को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने एसएसपी देहरादून को औपचारिक शिकायत दर्ज कराते हुए कहा है कि कुछ लोग सुनियोजित तरीके से उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। शिकायत में उन्होंने इस साजिश के पुख्ता डिजिटल सबूत भी पुलिस को सौंपे हैं।

सूचना महानिदेशक ने बताया कि पिछले कुछ समय से कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स और ग्रुप्स के माध्यम से उनके खिलाफ असत्य और भ्रामक बातें फैलाई जा रही हैं, जो न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि विभाग की छवि को भी प्रभावित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ पूर्व नियोजित तरीके से किया जा रहा है, ताकि अधिकारियों पर दबाव बनाया जा सके और उनके निर्णयों को प्रभावित किया जा सके।
उन्होंने अपनी शिकायत में उल्लेख किया है कि यह पूरी मुहिम एक “गैंग” या लॉबी सिस्टम के तहत संचालित की जा रही है, जो राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों को निशाना बनाकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रही है। सूचना महानिदेशक ने कहा कि, “मेरे खिलाफ जो अभियान चलाया जा रहा है, वह किसी असंतुष्ट समूह की साजिश है। सोशल मीडिया पर बिना किसी प्रमाण के आरोप लगाना और अफवाहें फैलाना मेरे सम्मान और मानसिक शांति दोनों के खिलाफ है।”

उन्होंने आगे कहा कि इस तरह का व्यवहार न केवल आईटी एक्ट और मानहानि कानूनों का उल्लंघन है, बल्कि यह सरकारी सेवा में अनुशासन और पारदर्शिता को कमजोर करने की कोशिश भी है। उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया है कि इन सोशल मीडिया खातों और उनके संचालकों की पहचान कर कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार के कृत्यों पर रोक लग सके।

सूत्रों के अनुसार, सूचना महानिदेशक ने अपनी शिकायत के साथ कई स्क्रीनशॉट, पोस्ट और व्हाट्सएप ग्रुप चैट्स के अंश भी सबूत के तौर पर प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने कहा कि यह मुहिम सिर्फ व्यक्तिगत स्तर पर नहीं बल्कि विभागीय कार्यप्रणाली को बदनाम करने की दिशा में चलाई जा रही है।

एसएसपी कार्यालय ने शिकायत प्राप्त होने की पुष्टि की है और बताया कि मामला साइबर क्राइम सेल को सौंपा गया है। पुलिस अब इन अकाउंट्स की तकनीकी जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये पोस्ट कहां से और किन उपकरणों से किए गए। प्राथमिक जांच के बाद संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ आईटी अधिनियम की धारा 66A, 67 और भारतीय दंड संहिता की मानहानि संबंधी धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

इस पूरे प्रकरण के बाद राज्य के सूचना विभाग में भी हलचल तेज हो गई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि महानिदेशक ने हाल के महीनों में विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने के लिए कई कठोर कदम उठाए थे, जिससे कुछ असंतुष्ट तत्व नाराज थे। अब वही लोग इस तरह की हरकतों के जरिए उनके ऊपर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रशासनिक हलकों में यह मामला अब “डिजिटल ब्लैकमेलिंग और छवि गिराने की साजिश” के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया के दौर में अफवाहें फैलाना आसान हो गया है, लेकिन जब निशाना किसी वरिष्ठ सरकारी अधिकारी को बनाया जाता है, तो यह सीधे शासन व्यवस्था पर हमला माना जाता है।फिलहाल, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और संभावना है कि आने वाले दिनों में इस कथित “गैंग” के सदस्यों की पहचान उजागर हो जाएगी। सूचना महानिदेशक की यह कार्रवाई अब राज्य प्रशासन में सोशल मीडिया दुरुपयोग के खिलाफ एक मिसाल के रूप में देखी जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed