पूछता है उत्तराखंड – सरकार के विज्ञापन पर सवाल, लेकिन खुद के दौर के घोटालों पर चुप्पी क्यों?

पूछता है उत्तराखंड – सरकार के विज्ञापन पर सवाल, लेकिन खुद के दौर के घोटालों पर चुप्पी क्यों?
उत्तराखंड में विज्ञापन पर हो रहे शोर की असली हकीकत
यह प्रचार नहीं, परिवर्तन की पुकार है — और इस पर सवाल उठाने वाले खुद कठघरे में हैं
जब बात विकास की हो, तो प्रचार ‘पाप’ नहीं ‘प्रयास’ होता है
उत्तराखंड सरकार पर हाल ही में कुछ गुटों ने ये आरोप लगाए हैं कि वह “करोड़ों रुपये विज्ञापनों पर खर्च कर रही है।” लेकिन पूछता है उत्तराखंड क्या कोई सरकार अपने राज्य की योजनाओं, सुरक्षा, पर्यटन, निवेश और संस्कृति को दुनिया के सामने लाने का प्रयास नहीं करेगी*?
पूछता है उत्तराखंड क्या विकास की दिशा में उठाए गए कदमों को जनता तक पहुंचाना गलत है?
जबकि सच्चाई ये है कि इन विज्ञापनों का मकसद सिर्फ छवि निर्माण नहीं, जन-संवाद, जन-जागरूकता और जन-हित है
*योजनाओं की जानकारी, यात्रा मार्गदर्शन, मौसम अलर्ट, आपदा प्रबंधन, धार्मिक पर्यटन की जानकारी और निवेश आमंत्रण – इन सबका माध्यम यही विज्ञापन हैं*
पूछता है उत्तराखंड तो सवाल ये है — अगर जनता को सूचना देने की जिम्मेदारी सरकार की नहीं, तो किसकी है?
बोलता है उत्तराखंड *चार साल में एक भी घोटाला नहीं – क्या यही असली “अपराध” है*?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड ने चार साल से अधिक का कार्यकाल पूरा किया है। इस पूरे समय में:
कोई भी घोटाला उजागर नहीं हुआ
किसी मंत्री या अधिकारी पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप नहीं
पारदर्शिता, जवाबदेही और संवेदनशीलता शासन की नींव बनी रही
यह आज के दौर में दुर्लभ है, जब देश के कई राज्यों में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले आम होते जा रहे हैं। *शायद यही वजह है कि विपक्षी गुट और उनके चापलूस , और कुछ तथाकथित भी विकास नहीं, विज्ञापन पर निशाना साधकर जनता का ध्यान भटकाना चाहते हैं*
*हर आपदा में सबसे आगे – धामी की जमीनी हकीकत*
जब धरती कांपी, जब टनल गिरी, जब यात्रियों की जान पर बन आई मुख्यमंत्री धामी कभी एयरकंडीशंडन ऑफिस में नहीं बैठे, सीधे घटनास्थल पर पहुंचे।… ग्राउंड जीरो पर रहे …
सिल्कियारा टनल हादसा हो या धराली जैसी दर्दनाक त्रासदी,
चारधाम यात्रा की व्यवस्था हो या कांवड़ यात्रा की निगरानी,
मुख्यमंत्री धामी ने प्रशासनिक जिम्मेदारी से ज़्यादा, एक जन-सेवक का कर्तव्य निभाया।
. बोलता है उत्तराखंड *पर्यटन, निवेश, संस्कृति — इन विज्ञापनों से ही बनी पहचान*
सरकार के विज्ञापनों ने उत्तराखंड की छवि को केवल “हिल स्टेशन” से आगे बढ़ाकर एक डायनामिक, निवेश-योग्य और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य के रूप में पेश किया है:
उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में प्रमोट किया गया
फिल्म शूटिंग के लिए आकर्षण केंद्र बनाया गया
नैनीताल, औली, टिहरी, मुनस्यारी जैसे स्थानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई गई
स्थानीय उत्पादों – जैसे शहद, हस्तशिल्प, ऑर्गेनिक अनाज – की ब्रांडिंग की गई
यात्रियों के लिए मौसम, मार्ग और सुरक्षा की सूचना समय पर दी गई
यह सब सिर्फ प्रचार नहीं – राज्य की आत्मनिर्भरता और आर्थिक मजबूती की नींव है
*आलोचना करने वालों का दोगलापन – खुद भ्रष्टाचार में लिप्त इतिहास*
जो लोग आज सरकार पर विज्ञापन के नाम पर हमला बोल रहे हैं, ये वही गुट वो हैं जिनके खुद के कार्यकाल में:
करोड़ों के घोटाले सामने आए
भर्ती घोटाले, ट्रांसफर घोटाले, जमीन आवंटन घोटाले उजागर हुए
जनता से जुड़ी योजनाएं सिर्फ फाइलों में सिमटी रहीं
आज वही लोग जब उत्तराखंड के ब्रांडिंग प्रयासों को “छवि चमकाने” का नाम देते हैं, तो ये सिर्फ राजनीतिक पाखंड और ईर्ष्या नज़र आता है।
लोकतंत्र में आलोचना जरूरी है, पर झूठ के आधार पर नहीं
सरकार से सवाल पूछे जाने चाहिए — लेकिन जब वो तथ्यहीन,
भावनात्मक और पूर्वाग्रही हों, तो असल नुकसान जनता के विश्वास और राज्य के विकास को होता है
पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने जो किया, वो सिर्फ मीडिया हेडलाइन के लिए नहीं, बल्कि उत्तराखंड के भविष्य की सोच के लिए किया।
बाकी कुछ तथाकथित. जिनकी फर्जी दुकाने बंद करी डीजी सूचना ने, जो आज तक प्रदेश को और सरकारों को लूटते आए हैं.. उनके पेट में दर्द होना वाजिब है.. इसलिए आना आप सनाप. बोल रहे हैं लिखने उसे पर ध्यान देने की जरूरत नहीं..
लेकिन फिर बोलता है उत्तराखंड *विज्ञापन का हर रुपया उत्तराखंड के उज्जवल कल के लिए निवेश है**
*विरोधियों को सोचना चाहिए – अगर धामी सरकार ने अपने काम का प्रचार नहीं किया होता, तो क्या देश और दुनिया उत्तराखंड की इन खूबियों से वाकिफ हो पाती?*
आज जब राज्य निवेशकों की नजरों में है, जब पर्यटन चरम पर है, जब योजनाएं जनता तक पहुंच रही हैं — तो इसे “छवि चमकाने” का नाम देना, सिर्फ राजनीति की संकीर्ण सोच है
उत्तराखंड अब विकास के पथ पर है, और जनता को यह भ्रमित करने की कोशिश अब नाकाम होगी…