October 13, 2025

झूठे दस्तावेजों की राजनीति नाकाम, एसजीआरआर कॉलेज को मिला कोर्ट का समर्थन

0

 

झूठे दस्तावेजों की राजनीति नाकाम, एसजीआरआर कॉलेज को मिला कोर्ट का समर्थन

 

 

एसजीआरआर इंटर कॉलेज भोगपुर की खेल भूमि से जुड़े लंबे समय से चल रहे विवाद में न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कॉलेज प्रबंधन के पक्ष में निर्णय दिया है। सिविल जज (जूनियर डिविजन) ऋषिकेश की अदालत ने पूर्व डीजीपी प्रेमदत्त रतूड़ी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों और दलीलों को अस्वीकार करते हुए स्पष्ट कहा कि उक्त खेल मैदान (भूमि) का स्वामित्व और संचालन श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज भोगपुर के पास ही रहेगा। अदालत के इस निर्णय से विद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय जनता में हर्ष का माहौल है।
गौरतलब है कि वर्ष 1950 में श्री गुरु राम राय दरबार साहिब द्वारा ग्रामीण एवं निर्धन छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से भोगपुर में यह विद्यालय स्थापित किया गया था। इस विद्यालय के लिए तत्कालीन समय में 11.5 बीघा भूमि प्रेमदत्त रतूड़ी के पूर्वजों ने दान दी थी, जिस पर वर्तमान में विद्यालय का खेल मैदान संचालित है। लगभग 75 वर्षों से यह मैदान छात्रों की खेलकूद एवं शैक्षणिक गतिविधियों का केंद्र रहा है।
विवाद उस समय गहराया जब पूर्व डीजीपी प्रेमदत्त रतूड़ी ने भू-माफियाओं के साथ मिलकर इस भूमि पर कब्जा करने का प्रयास किया। विद्यालय प्रबंधन और श्री दरबार साहिब की संगत ने इस कार्रवाई का कड़ा विरोध किया और मामले को न्यायालय में ले जाया गया। सुनवाई के दौरान एसजीआरआर प्रबंधन ने सभी वैध दस्तावेज अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए, जिनके आधार पर कोर्ट ने पाया कि पूर्व डीजीपी प्रेमदत्त रतूड़ी पक्ष के दावे निराधार हैं और खारिज करने योग्य हैं।
न्यायालय के इस निर्णय से यह स्थापित हो गया कि श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज भोगपुर की खेल भूमि पूर्णतः एसजीआरआर संस्था के अधिकार क्षेत्र में रहेगी। अदालत के फैसले के बाद स्कूल प्रबंधन ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व अब भी गलत सूचनाएं फैलाकर भ्रम उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए आमजन को सत्य तथ्यों पर भरोसा करना चाहिए। इस निर्णय ने न केवल शिक्षा संस्थान की प्रतिष्ठा को सुरक्षित रखा है, बल्कि समाज में न्याय और सत्य की विजय का उदाहरण भी प्रस्तुत किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed