बलूनी ने कहा कि स्वर्गीय बहुगुणा को “हिमालय का चंदन, हेमवती नंदन” ऐसे ही नहीं कहा गया। उन्होंने कांग्रेस के तानाशाही के क्रूर दौर में आंखों में आंखें डालकर कांग्रेस की सत्ता से दो-दो हाथ किए थे
स्वर्गीय हेमतीनंदनबहुगुणा के पैतृक गांव बुगाणी पहुंचे बलूनी पढ़े पूरी ख़बर
बलूनी ने कहा कि मैं आज इस महान विभूति के पैतृक आवास पर आकर सौभाग्यशाली अनुभव कर रहा हूं।
स्वर्गीय बहुगुणा के अस्तित्व को समाप्त करने के लिए कांग्रेस ने सारे षड्यंत्र किये। बहुगुणा न झुके, ना रुके। हिमालय से ऊंचे बहुगुणा ने गढ़वाल के सम्मान को भी ऊंचाइयां दी
बलूनी ने कहा कि स्वर्गीय बहुगुणा को “हिमालय का चंदन, हेमवती नंदन” ऐसे ही नहीं कहा गया। उन्होंने कांग्रेस के तानाशाही के क्रूर दौर में आंखों में आंखें डालकर कांग्रेस की सत्ता से दो-दो हाथ किए थे
बलूनी ने कहा कि हम जैसे राजनीति के विद्यार्थियों को स्वर्गीय बहुगुणा के जीवन से बहुत कुछ सीखने को मिलता है
बलूनी ने कहा बहुगुणा के अस्तित्व को समाप्त करने के लिए कांग्रेस ने सारे हथकंडे अपनाए…
बहुगुणा के साथ गढ़वाल भी चट्टान की तरह खड़ा हुआ था कांग्रेस के खिलाफ..:बलूनी
संग्रहालय का अवलोकन कर बहुगुणा के चित्र को किया नमन और इष्ट देव का लिया बलूनी ने आशीर्वाद
भारतीय जनता पार्टी के गढ़वाल प्रत्याशी अनिल बलूनी आज स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा के पैतृक गांव बुगाणी पहुंचे। स्वर्गीय बहुगुणा का आवास अब संग्रहालय में तब्दील हो चुका है। बलूनी ने उनसे संबंधित सभी वस्तुओं और उनके भवन का कार्यकर्ताओं के साथ अवलोकन किया। स्वर्गीय बहुगुणा के चित्र को नमन किया। उनके इष्ट देव से आशीर्वाद लिया।
बलूनी ने कहा कि स्वर्गीय बहुगुणा को “हिमालय का चंदन, हेमवती नंदन” ऐसे ही नहीं कहा गया। उन्होंने कांग्रेस के तानाशाही के क्रूर दौर में आंखों में आंखें डालकर कांग्रेस की सत्ता से दो-दो हाथ किए थे। स्वर्गीय बहुगुणा के अस्तित्व को समाप्त करने के लिए कांग्रेस ने सारे षड्यंत्र किये। बहुगुणा न झुके, ना रुके। हिमालय से ऊंचे बहुगुणा ने गढ़वाल के सम्मान को भी ऊंचाइयां दी।
बलूनी ने कहा कि हम जैसे राजनीति के विद्यार्थियों को स्वर्गीय बहुगुणा के जीवन से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। आत्मसम्मान, सच्चाई और जनहित के साथ बहुगुणा ने कभी समझौता नहीं किया, इसीलिए उन्हें आज भी सम्मान के साथ याद किया जाता है।
बलूनी ने कहा कि मैं आज इस महान विभूति के पैतृक आवास पर आकर सौभाग्यशाली अनुभव कर रहा हूं।