September 16, 2025

ग्रामीणों से बातचीत में मंत्री ने पारंपरिक खेती के साथ आधुनिक कृषि अपनाने का किया आग्रह, सरकार की योजनाओं का लाभ लेने की दी सलाह।

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कृषि मंत्री गणेश जोशी ने टिहरी के ऐंदी क्षेत्र में पारंपरिक मेले में की सहभागिता, दुलेश्वर महाराज के किए दर्शन और लिया आशीर्वाद, ग्रामीणों से किया संवाद।

 

 

मंत्री जोशी बोले—उत्तराखंड की संस्कृति हमारी असली पहचान, मेले हमारी सांस्कृतिक विरासत को संजोते हैं, समाज में एकजुटता और समरसता को करते हैं सशक्त।

 

 

पर्यटन विकास समिति द्वारा आयोजित मेले की मंत्री ने की सराहना, कहा—स्थानीय आयोजन पर्यटन को बढ़ावा देकर क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी पैदा करते हैं।

 

 

मंत्री जोशी ने कहा—टिहरी जनपद के ऐंदी क्षेत्र में कृषि और बागवानी के क्षेत्र में अपार संभावनाएं, योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश दिए।

 

 

कृषि मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया—किसानों को तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण और बाजार से जोड़ें, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।

 

 

ग्रामीणों से बातचीत में मंत्री ने पारंपरिक खेती के साथ आधुनिक कृषि अपनाने का किया आग्रह, सरकार की योजनाओं का लाभ लेने की दी सलाह।

 

पत्थरखौल गांव में पारंपरिक स्वागत के साथ मंत्री गणेश जोशी का हुआ जोरदार अभिनंदन, ग्रामीणों ने क्षेत्रीय समस्याओं से कराया अवगत।

 

 

नगर पालिका अध्यक्ष, मंदिर समिति, जनप्रतिनिधियों, स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों की मौजूदगी में हुआ कार्यक्रम, मंत्री ने हरसंभव सहयोग का दिया भरोसा।

 

 

 

टिहरी जनपद के ऐंदी क्षेत्र में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने मेले में लिया भाग, दुलेश्वर महाराज से लिया आशीर्वाद

 

ग्रामीणों से बातचीत में मंत्री ने पारंपरिक खेती के साथ आधुनिक कृषि अपनाने का किया आग्रह, सरकार की योजनाओं का लाभ लेने की दी सलाह।

 

टिहरी/ऐंदी, 02 जून। प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने अपने तीन दिवसीय उत्तरकाशी व टिहरी भ्रमण के तीसरे दिन टिहरी जनपद के ऐंदी क्षेत्र स्थित पत्थरखौल गांव पहुंचकर दुलेश्वर महाराज मंदिर में दर्शन पूजन किया। इस अवसर पर वे मंदिर प्रांगण में पर्यटन विकास समिति द्वारा आयोजित पारंपरिक मेले में शामिल हुए और स्थानीय जनता से संवाद भी किया।

कृषि मंत्री जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराएं हमारी असली पहचान हैं, जिन्हें आने वाली पीढ़ियों तक जीवित रखना हम सभी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मेले न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत को संजोते हैं, बल्कि सामाजिक समरसता और एकजुटता को भी बढ़ावा देते हैं। उन्होंने मेले के आयोजन के लिए पर्यटन विकास समिति की सराहना करते हुए कहा कि स्थानीय स्तर पर ऐसे आयोजनों से न केवल संस्कृति का संरक्षण होता है, बल्कि स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है, जिससे रोजगार के अवसर भी सृजित होते हैं।

अपने संबोधन में मंत्री जोशी ने यह भी कहा कि टिहरी जनपद के इस क्षेत्र में कृषि और बागवानी की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किसानों के साथ मिलकर काम करें और योजनाओं को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू करें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की मंशा है कि पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों को तकनीकी सहयोग, प्रशिक्षण और बाजार से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए। उन्होंने ग्रामीणों से भी आग्रह किया कि वे सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाएं और पारंपरिक खेती के साथ-साथ आधुनिक कृषि पद्धतियों को भी अपनाएं। पत्थरखौल गांव पहुंचने पर लोगों ने कृषि मंत्री गणेश जोशी का पारंपरिक रूप से गर्मजोशी से स्वागत भी किया और उन्हें क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया, जिनके समाधान के लिए मंत्री ने हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी, मंदिर समिति अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह, सुभाष रमोला, मंडल अध्यक्ष नरेश पंवार, निर्मला जोशी, ज्योति कोटिया, रणवीर कंडारी, वीरेंद्र राणा, गोपाल सिंह पंवार, चंद्रमणि पंवार, सुनील सेमवाल सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण, जनप्रतिनिधि, स्थानीय प्रशासन के अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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